मेष लग्न की कुंडली में सूर्य का चौथे भाव (घर, माता, सुख, और मानसिक शांति) में होना जातक के परिवार, घरेलू जीवन, और मानसिक स्थिति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। चौथा भाव घर, माता, संपत्ति, और मानसिक शांति का प्रतीक है, और सूर्य का इस भाव में होना जातक को मानसिक शांति, घर से जुड़ी संपत्ति, और पारिवारिक संबंधों में विशेष स्थान प्रदान करता है।
1. पारिवारिक जीवन और माता के साथ संबंध
- सूर्य का चौथे भाव में होना जातक को अपने परिवार और माता के प्रति गहरी जिम्मेदारी और सम्मान देता है।
- यह स्थिति जातक को अपनी मां से मार्गदर्शन और समर्थन प्राप्त करने की संभावना देती है।
- जातक के माता के साथ संबंध प्रगाढ़ और मजबूत होते हैं, और वह अपने परिवार में एक सम्मानित स्थान रखते हैं।
2. घर और संपत्ति में रुचि
- चौथा भाव घर और संपत्ति से संबंधित है, और सूर्य का यहां होना जातक को अपने घर और संपत्ति के मामलों में सक्रिय बनाता है।
- जातक को अपने घर को सजाने, उसे व्यवस्थित करने, और उसकी सुरक्षा का ध्यान रखने में रुचि होती है।
- यह स्थिति जातक को अपनी जीवनशैली को बेहतर बनाने और घर में सुख-शांति लाने के लिए प्रेरित करती है।
3. मानसिक शांति और संतुलन
- सूर्य का चौथे भाव में होना मानसिक शांति और संतुलन की ओर ले जाता है।
- जातक को अपनी मानसिक स्थिति को सुदृढ़ बनाए रखने और किसी भी प्रकार की चिंता से मुक्त रहने में मदद मिलती है।
- यह स्थिति जातक को आत्मनिर्भर, शांत, और मानसिक रूप से स्थिर व्यक्ति बनाती है।
4. मातृत्व और परिवार में प्रतिष्ठा
- सूर्य का यह स्थान जातक को अपने परिवार और मातृत्व में प्रतिष्ठा दिलाता है।
- जातक का परिवार में उच्च सम्मान होता है, और वह घर में एक शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में देखा जाता है।
- यह स्थिति जातक को अपने परिवार के मामलों में एक आदर्श और जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में स्थापित करती है।
5. घर से संबंधित समस्याएं
- यदि सूर्य नीच का हो या अन्य पाप ग्रहों से प्रभावित हो, तो यह जातक को घर में मतभेद, कलह, या मानसिक तनाव दे सकता है।
- कभी-कभी, जातक को घर में शांति बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है, और पारिवारिक मामलों में संघर्ष हो सकता है।
- इस स्थिति में जातक को मानसिक शांति और संतुलन बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास करने की आवश्यकता होती है।
6. माता के स्वास्थ्य का प्रभाव
- सूर्य का चौथे भाव में होने से माता के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
- अगर सूर्य का शुभ प्रभाव हो, तो माता का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, और जातक को उनका समर्थन मिलेगा।
- यदि सूर्य का अशुभ प्रभाव हो, तो यह माता के स्वास्थ्य या मानसिक स्थिति में कठिनाई उत्पन्न कर सकता है।
7. घर में खुशहाली और संपत्ति प्राप्ति
- सूर्य के चौथे भाव में होने से जातक को अपने घर में सुख और समृद्धि का अनुभव हो सकता है।
- यह स्थिति जातक को संपत्ति प्राप्त करने और घर में सुख-शांति बनाए रखने में मदद करती है।
- जातक अपने घर में एक अच्छा माहौल बनाने और पारिवारिक सदस्यों को खुश रखने की दिशा में प्रयासरत रहता है।
8. आत्मनिर्भरता और घर से जुड़ी जिम्मेदारियां
- सूर्य का चौथे भाव में होना जातक को अपने घर और परिवार के मामलों में अधिक जिम्मेदारी और आत्मनिर्भरता प्रदान करता है।
- जातक को घर के मामलों में नेतृत्व की भूमिका निभाने का अवसर मिलता है।
- यह स्थिति जातक को अपने घर और परिवार की समस्याओं का समाधान करने में सक्षम बनाती है।
9. सावधानियां
- यदि सूर्य के साथ कोई अशुभ ग्रह उपस्थित हो, तो जातक को घर में कलह और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है।
- जातक को अपने परिवार के सदस्यों के साथ विनम्रता और समझदारी से पेश आना चाहिए, ताकि घर में शांति बनी रहे।
- सूर्य की अशुभ स्थिति को सुधारने के लिए पूजा और धार्मिक कार्यों का पालन किया जा सकता है।